मुर्रा भैंस खरीदने के लिए अभी ऑनलाइन जानकारी प्राप्त करें
देश के ग्रामीण क्षेत्रों में खेती-किसानी के अलावा पशुपालन भी आमदनी का बढ़िया स्रोत है और खासतौर पर ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए तो यह और भी उत्तम है। पशुपालन व्यवसाय में किसान ज्यादा से ज्यादा दिलचस्पी लेते हैं। पशुपालन आमदनी का एक बेहतरीन विकल्प है। वैसे देखा जाए तो पशुपालन कोई नई चीज नहीं है, सदियों से भारत में पशुपालन किया जा रहा है। लेकिन पिछले कुछ समय से अनेक विकल्पों के कारण इसे एक मजबूत व्यापारिक विकल्प के रूप में देखा जाने लगा है।
अगर बेहतर प्रजातियों की बात करें तो भारत में गाय और भैंस की कई दुधारी प्रजाति पाई जाती है पर इनमें गाय की गिर नस्ल और भैंस की मुर्रा नस्ल दूध उत्पादन के लिये जानी जाती है। अगर बात करें भैंस की मुर्रा नस्ल के बारे में तो भारत के ज्यादातर इलाकों में पशुपालक इसका दूध को बेचकर अच्छी कमाई कर रहे है लेकिन मुर्रा भैंस कैसे खरीदें इसके लिए आज हम यह जानेंगे साथ ही भैंस के लिए कौन सा ऑनलाइन एप सबसे उपयोगी है।
मुर्रा भैंस कैसे खरीदें :- आजकल ज्यादातर पशुपालक पशु बाजार से भैंस खरीद तो लेते है लेकिन कभी-कभी ठगी का शिकार भी हो जाते है, जिससे पशुपालकों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है, क्योंकि पूंजी का बड़ा हिस्सा पशुओं को खरीदने पर लगाते है। अगर पशुपालक कुछ बातों को ध्यान में रखे तो अपने स्तर से ही भैँस को खरीद सकते है।
याद रखें भैंस खरीदते व्यक्त इन बातों का ध्यान जरूर दें :-
- अगर कोई व्यापारी आपको भैंस की नस्ल मुर्रा बता रहा है तो जानकारी के लिए अच्छे से जान लें मुर्रा भैंस एकदम काली होती है और इसके सींग मुड़ी हुई गोल और उसके सर के ऊपर होती है। मुर्रा के अलावा कई ऐसे भैंस होती है, जिनसे दूध का उत्पादन ज्यादा होता है।
- दूध देने वाली भैंस का शरीर हमेशा तिकोना होता है। यानि भैंस का शरीर पीछे से भारी और आगे से सकरा होगा। पैर मजबूत होंगे और अच्छी तरह जमीन पर टिकाऊ होंगे।
- पशुओं को खरीदते समय उसके थनों के आकार को जरूर देखें थन चार हो और चारों बराबर लंबाई के हो और साथ ही बराबर दूरी पर हो।
- इसके अलावा अयन का पेट से अच्छी तरह जुडाव होना चाहिए। थन कभी लटकता नहीं होना चाहिए और किसी तरह की सूजन नहीं होनी चाहिए।
- देखा जाए तो कई बार व्यापारी चालाकी करते है अयन में धुंआ कर देते है, जिसकी वजह से दो लीटर वाला अयन आपको चार से पांच लीटर तक का दिखाई देता है ऐसे में विशेष ध्यान दें ।
- इसके लिए आप भैंस की पिछली दोनों टांगों को देखें की अयन का क्या आकार आ रहा है। पिछली टांगों से अयन जितना ज्यादा दिखेगा और जितना चौड़ा दिखेगा उसमें दूध देने की क्षमता उतनी ही ज्यादा होगी।
- ज्यादातर व्यापारी सुबह के समय पशुओं को बेचने के लिए आते है क्योंकि व्यापारी शाम का दूध नहीं निकालते है और सुबह चढ़ा हुआ दूध मिलता जिससे जो भैंस पांच लीटर दूध देती है वो आठ लीटर हो जाता है। इसलिए पशु खरीदते समय पशु को दो बार दोहन करके जरूर देख लें और यह भी ध्यान दें कि दूध दोहन के बाद थन पूरी तरह से सिकुड़ जाना चाहिए।
- पशु खरीदते समय उसकी उम्र पर जरूर ध्यान दें। और पशु की सही उम्र का पता लगाने के लिए उसके दांतों को देखा जाता है। पशु के मुंह की निचले हिस्से में में स्थायी दांतों के चार जोड़े होते हैं। ये सभी जोड़े एक साथ नहीं निकलते हैं। दांत का पहला जोड़ा पौने दो साल की उम्र में, दूसरा जोड़ा ढाई साल की उम्र में, तीसरा जोड़ा तीन साल के अन्त में और चौथा जोड़ा चौथे साल के अन्त की उम्र में निकलता है। इस प्रकार से दांतों को देखकर आप नई और पुरानी गाय/भैंस की सटीक पहचान कर सकते हैं।
मुर्रा नस्ल की भैंस की कीमत 1 लाख रुपये से अधिक होती है। कई किसान और पशुपालक ये भैंस खरीदकर डेयरी व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।
भैंस का ऑनलाइन ऐप :-
अब आपको गाय भैंस खरीदनी या बेचनी है तो घर घर घूमने की जरुरत नहीं है अब ये ऑनलाइन मेरापशु360 पर आसानी से उपलब्ध हो जाती है। यही नहीं आजकल आप गाय या भैंस खरीद बिक्री के साथ ऑनलाइन एप या वेबसाइट के माध्यम से पशुओं को सिर्फ एक क्लिक पर खरीद सकते हैं ।
इस वेबसाइट पर काली मुर्रा भैंस, छोटे और घुमावदार सींग, कीमत सिर्फ 80 हजार रुपये। दुधारू गाय, क्षमता 10 लीटर प्रतिदिन, कीमत सिर्फ 60 हजार रुपये। ऐसे अन्य पशु भी बिकाऊ हैं । पशु की नस्ल और दुग्ध उत्पादन क्षमता के साथ अच्छी कीमतों के लिए मेरापशु360 पर आप गाय भैंसों को आसानी से खरीद सकते हैं।
पहले पशु पालन से जुड़े किसान इनकी खरीद और बिक्री के लिए पशु मेले और पैंठ जैसे पारंपरिक मंच पर ही निर्भर थे, लेकिन अब वह घर बैठे एक क्लिक पर गाय-भैंस खरीद रहे हैं। मेरापशु 360 पर पशु की नस्ल, उनकी दुग्ध उत्पादन क्षमता और फोटो के साथ देखे और खरीदें ।
आखिर मुर्रा भैंस ही क्यूँ पसंद करते हैं लोग इसकी खासियत क्या है ?
मुर्रा भैंस, पालतू भैंस की एक विशेष नस्ल है जिसे ज्यादातर दूध उत्पादन के लिए पाला जाता है। मुर्रा भैंस सबसे अधिक उत्पादन वाली भैंस की नस्ल है। इस प्रजाति की भैंसे देशी और अन्य प्रजाति की भैंसों से दोगुना दूध देती है। यह प्रतिदिन 15 से 20 लीटर दूध आसानी से दे देती हैं। मुर्रा यह विश्व की सबसे अच्छी भैंस की दुधारू नस्ल है। यह भारत के सभी हिस्सों में पायी जाती है। इसका गृह क्षेत्र हरियाणा के रोहतक, हिसार, जिन्द व करनाल जिले तथा पंजाब व दिल्ली हैं।
मुर्रा भैंस की पहचान :-
- मुर्रा भैंस इस भैंस का रंग काला होता है।
- इसके सींग जलेबी आकार के होते हैं।
- मुर्रा भैंस की गर्भा अवधि 310 दिन की हौती है तथा दूध शिराएँ उभरी हौती है।
- इनका सिर छोटा होता हैं।
- इसके सिर, पूँछ और पैर पर सुनहरे रंग के बाल पाये जाते हैं।
- इनकी पूँछ लम्बी तथा पिछला भाग सुविकसित होता है।
Post a Comment
You must be logged in to post a comment.