हरियाणा की मुर्रा भैंस की खूबियाँ, भैंस का डेयरी फार्म खोलकर करते है मोटी कमाई
देश में अधिक दूध उत्पादन के लिए हरियाणा की मुर्रा भैंस और हरियाणा गया प्रसिद्ध हैं। भारत के कुल दूध उत्पादन में 5.5 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी हरियाणा के किसानों की है और ये सब यहां के समृद्ध पशुधन से संभव हुआ है।
हरियाणा राज्य में अधिकांश दूध उत्पादन के लिए मुर्रा भैंस या हरियाणा गाय का पालन करते हैं जो अधिक दूध देने के लिए पहचानी जाती है। हरियाणा के वर्तमान वार्षिक दूध उत्पादन 117.34 लाख टन में 82 प्रतिशत भैंस,17 प्रतिशत गाय और 1 प्रतिशत बकरी के दूध की भागीदारी है। सरकारी सूत्र के अनुसार प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता जो 2016-17 में 930 ग्राम प्रति व्यक्ति थी वह आज बढक़र 1344 ग्राम प्रति व्यक्ति हो गई है।
मुर्रा भैंस पूरे हरियाणा में किसानों की पहली पसंद क्यों है ?
हरियाणा के किसानों की पहली पसंद मुर्रा भैंस है। यह अन्य भैंसों से काफी महंगी आती है लेकिन इसके दूध देने की क्षमता काफी अधिक है।इसी वजह से हरियाणा की मुर्रा भैंस सबसे प्रचलित है ।
यह मूलत: अविभाजित पंजाब का पशु है लेकिन अब दूसरे प्रान्तों तथा दूसरे देशों (जैसे इटली, बल्गेरिया, मिस्र आदि) में भी पाली जाती है। हरियाणा में इसे काला सोना कहा जाता है। दूध में वसा उत्पादन के लिए मुर्रा सबसे अच्छी नस्ल है।
मुर्रा भैंस के सींग जलेबी आकार के होते हैं। इसके दूध में 7 प्रतिशत वसा पाई जाती है। इस भैंस का रंग काला होता है। उत्पत्ति स्थान हिसार से दिल्ली माना जाता है। मुर्रा भैंस की गर्भा अवधि 310 दिन की होती है और अयन विकसित तथा दूध शिराएं उभरी होती है।
- दूध देने वाली हरियाणा की मुर्रा भैंस की क्या है पहचान :-
इसकी शारीरिक बनावट की बात करें तो इस नस्ल के पशु का रंग गहरा काला होता है और खुर और पूंछ के निचले हिस्सों पर सफेद दाग पाया जाता है। इस भैंस के सींग छोटी व मुड़ी हुई होती है। इनका सिर छोटा व सींग छल्ले के आकार के होते हैं।
लेकिन सिर, पूंछ और पैर पर सुनहरे रंग के बाल पाए जाते हैं। इनकी पूंछ लंबी तथा पिछला भाग सुविकसित होता है। अयन भी सुविकसित होता है। मुर्रा नस्ल की भैंस हरियाणा के रोहतक, हिसार व जिंद व पंजाब के नाभा व पटियाला जिले में पाई जाती है। अब देश के कई राज्यों में मुर्रा नस्ल की भैंसों का पालन होने लगा है।
अब कभी कभी दूध उत्पादक किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या यह आती है कि वे कैसे पहचाने की जो भैंस वे खरीद रहे हैं वे दूध देती भी है या नहीं। इस समस्या को दूर करने के लिए हम आपको इसकी पहचान बता रहे है ताकि आपकों भैंस के चुनाव में परेशानी न हो।
दूध देने वाली भैंस की पहचान यह है कि उसका शरीर हमेशा तिकोना होता है। यानि भैंस का शरीर पीछे से भारी और आगे से सकरा होगा। पैर मजबूत होंगे और अच्छी तरह जमीन पर टिकाऊ होंगे।
- हरियाणा की मुर्रा भैंस की मांग बढ़ी क्योंकि दूध उत्पादन क्षमता भी अच्छी :-
देखा जाए तो गाय के दूध की मांग बढऩे से अब किसानों का रूझान गाय पालने की ओर भी बढ़ा है। हरियाणा के कई गांव भैंस पालने के लिए मशहूर रहे हैं। हरियाणा की मुर्रा भैंस नस्ल की मांग दिन – प्रतिदिन बढऩे लगी है।
इसके पीछे कारण यह है कि मुर्रा भैंस अधिक दूध उत्पादन में समक्ष हैं। यह एक ब्यांत में लगभग 1800 लीटर दूध देती है और इसकी प्रतिदिन औसत दूध उत्पादन क्षमता 15-20 लीटर प्रतिदिन है। इनका प्राप्ति स्थान रोहतक, हिसार, सिरसा, करनाल, गुडगांव और जिंद है। इसलिए भारत में हरियाणवी मुर्रा भैंस सबसे श्रेष्ठ नस्लों में आती है।
- हरियाणा मुर्रा भैंस नस्ल की कीमत :-
वैसे तो हरियाणा मुर्रा भैंस की कीमत 60 हजार से लेकर इससे ऊपर कितनी भी हो सकती है । मगर मुर्रा नस्ल की कीमत इन तीन आधारों पर निर्भर करती है। इनमें अब तक भैंस ने कितने बार बच्चों को जन्म दिया है, पहले बियान वाली भैंसों की कीमत ज्यादा होती है।
इसके अलावा भैंस प्रतिदिन कितने लीटर दूध देती है। दूध में फेट का परसेंटेज कितना है।
यह उसकी स्वस्थता और दूध देने की क्षमता पर निर्भर करता है। साथ ही इसे पालन भी आसान होता है इसलिए लोगों की पसंद मुर्रा भैंस होती है। आमतौर पर मुर्रा नस्ल की कीमत 60 हजार से शुरू होकर 5 लाख रुपए तक हो सकती है। बिहार के अररिया जिला में मुर्रा भैंस की कीमत 80 हजार रुपया बताया गया जो भैंस प्रतिदिन 15 लीटर दूध दे सकती है।
- हरियाणा के एक किसान ने 25 लाख रुपए में बेची थी मुर्रा नस्ल की भैंस :
जी हाँ जैसा की हुमने आपको बताया मुर्रा भैंस की कीमत 60 हजार से लेकर इससे ऊपर कितनी भी हो सकती है पर साल 2015 में हरियाणा के रोहतक क्षेत्र के सिंघवा गांव के किसान कपूर सिंह ने अपनी एक मुर्रा नस्ल की भैंस को 25 लाख रुपए में आंध्रप्रदेश के हनुमान जंक्शन गांव के सरपंच राजीव को बेची था।
भैंस की इतनी ज्यादा कीमत होने की वजह यह थी कि यह भैंस एक दिन में 30 से 32 लीटर तक दूध देती है। इसके अलावा यह भैंस विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग ले चुकी थी और तीन लाख रुपए के इनाम भी जीत चुकी थी।
बता दें कि कपूर सिंह ने यह भैंस मात्र ढाई लाख रुपए में खरीदी थी लेकिन अच्छी देखभाल और अधिक दूध देने की क्षमता के कारण उन्हें इसकी इतनी ज्यादा कीमत मिली।
भैंस की डेयरी फार्म है चर्चित
डेयरी फार्म व्यवसाय करने का एक बहुत ही अच्छा माध्यम है। जिससे लाभार्थी अपना स्वयं का व्यवसाय की शुरुआत कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें कुछ पशुओं की आवश्यकता होती है जो दूध देते हैं जैसे गाय, भैंस, बकरी आदि। इन पशुओं से प्राप्त दूध को बेच कर उद्यमी अच्छे पैसे कमा सकते हैं यह व्यवसाय पुरे साल भर चलने वाला व स्थिर व्यवसाय में से एक है।
डेयरी फार्मिंग व्यवसाय के लिए भैंस का मुर्रा नस्ल ले सकते हैं। भैंस की डेयरी फार्म को शुरू करने के लिए उद्यमी merapashu360 एप या वेबसाईट पर जाकर मुर्रा नस्ल का भैंस घर बैठे खरीद सकते हैं जहां आपको पशु और उनसे संबंधित चीज आसानी से प्राप्त हो जाएंगे।
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